About of Network Marketing BUSINESS
सन 1940 से यूरोप , अमेरिका जैसे बड़े देशो से सुरु हुआ यह बिज़नेस आज पूरी दुनिया में विस्तार कर रहा है। इस नेटवर्क मार्केटिंग बिज़नेस के माध्यम से पिछले चार दसको में हज़ारो लोगो को इस बिज़नेस में कामयाबी और सफलता मिली है। और ऐसी की बदौलत कई हज़ार लोग करोङपति और लाखो लोग लखपति बने है। भारत में सुरु हुए अभी कुछ ही वर्ष हुए है लेकिन इन कुछ वर्षो में ही एक असामान्य सफलता देखने को मिली है। बहुत तेजी से इस व्यापार ने लोगो को सफल बनाया है। ऐसे बहुत सारे लोग जो कुछ कर गुजरने का जज़्बा अपने अंदर रखते थे। क़ाबलियत थी ,जीवन में बड़े - बड़े सपने थे लेकिन कोई अच्छा Platform नहीं मिला ,इस बिज़नेस के माध्यम से बहुत कम समय में अमीर बन गए। यदि आप ऐसे लोगो को देखेंगे जिनके पास लाखो रुपये महीने की आय है ,अपने बच्चो को देने के लिए भरपूर समय है और अपने काम [बिज़नेस ] के प्रति बहुत गर्व है , तो इस बिज़नेस में आपको बहुत ज्यादा लोग देखने को मिल जायेगे।
नेटवर्क मार्केटिंग कोई नया बिज़नेस या व्यापार नहीं है ,यह सिर्फ बिज़नेस करने का नया तरीका है , जो लोग इस बिज़नेस को समझ नहीं पाते है वो लोग अक्सर बाकि कामो की तरह इस काम की भी आलोचना व निंदा करते - रहते है। लेकिन जो लोग अपनी सूझ - बुझ और समझदारी से इस बिज़नेस को करते है और जानकारी लेते है और अध्ययन कर सीख कर करते है , वह किसी भी अन्य बिज़नेस की अपेक्षा यहाँ ज्यादा धन कमाते है। आज हमारे भारत देश में इस बिज़नेस के जागरूकता बढ़ रही है। आप देखेंगे की आने वाले कुछ वर्षो में आपको ज्यादा तर नेटवर्क मार्केटिंग बिज़नेस करते मिलेंगे। ये लोग इसे पार्ट टाइम कर रहे होंगे या फुल टाइम , लेकिन इस बिज़नेस को जल्दी शुरू करने वाले लोग देर से शुरू करने वाले लोगो की अपेक्षा बहुत ज्यादा धन कमा रहे होंगे। इस बिज़नेस की कुछ बारीकियां है जिन्हे जानना आपके लिए बेहद जरूरी है। सबसे पहले हम जानते है पुराने मार्केटिंग सिस्टम को। जिसे हम सब जानते है।
40%---प्रचार में खर्च होता है
Company---C&F agent---Distributor---Retailer---Customer
30% 5% 5% 20% = 100%
यह वह मार्केटिंग सिस्टम है जिसे हम सब लोग वर्षो से देख रहे है , हम तक पहुंचने वाले 90% से ज्यादा प्रोडक्ट आज इसी माध्यम से पहुंच रहे है। ऊपर दिए गए चित्र में देख रहे है कि कोई भी प्रोडक्ट जो हम तक
एक निश्चित मूल्य में पहुँचता है उसे बनाने में कंपनी को लगभग 30% खर्चा आता है। इसके बाद 5% C&F एजेंट का मुनाफा होता है जो प्रोडक्ट को कंपनी से डिस्ट्रीब्यूटर तक पहुंचाते है। लगभग 5% डिस्ट्रीब्यूटर लेता है और डीलर को प्रोडक्टस पहुँचाता है। डीलर अपना मुनाफा रखकर रिटेलर को देता है रिटेलर लगभग जो 15-20% मुनाफा रखकर प्रोडक्ट ग्राहक को बेचता है।
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traditional market |
इन सब के आलावा भी एक बहुत बड़ा हिस्सा [ 35-40%] तक कंपनी या प्रोडक्ट का विज्ञापन करने में खर्च किया जाता है और उन लोगो में बाँट दिया जाता है जो प्रचार तो कर रहे होते है लेकिन खुद सायद उसे इतेमाल नहीं करते है। मीडिया की दुनिया की एक खबर के बारे सचिन तेंदुलकर जी ने पेप्सी के विज्ञापन में काम करने का कई करोड़ रुपया लिया लेकिन आज तक क्रिकेट के मैदान में कभी उन्हें पेप्सी पीते नहीं देखा गया , हमेशा वह विदेशी पेयजल या जूस ही पीते है , लेकिन ग्राहक द्वारा खरीदी गयी हर एक पेप्सी में से एक बड़ा हिस्सा विज्ञापन के खर्च में जाता है। आपने देखा होगा बड़े - बड़े फिल्म-स्टार कई तरह के प्रोडक्टों के प्रचार करते है , जिसके लिए कंपनी भरी रकम चुकाती है और अंतता यह बोझ ग्राहक पर पड़ता है। इस सिस्टम को हम पुराना मार्केटिंग सिस्टम कहते है
कई वर्ष पहले जब एक सर्वे हुआ तो पता लगा दुनिया में 97% लोग कोई भी प्रोडक्ट फिल्मस्टार्स को देख कर नहीं बल्कि अपने सगे- सम्बन्धी व जान -पहचान वाले से सलाह -मश्वरा करके लेते है या ज्यादातर सेल्स तभी होती जब आपका कोई अपना विश्वाश वाला व्यक्ति आपको बताता है या Refer करता है। और इसी Reference System को आधार मानते हुए एक नए मार्केटिंग सिस्टम " नेटवर्क मार्केटिंग " की शुरुआत हुई।अगर आप इस सिस्टम को ध्यान से देखे तो कुछ निम्न प्रकार से होगा।
COMPANY -----------------NETWORK-----------------------CUSTOMER
{GROUP OF USERS}
इस सिस्टम में कोई भी प्रोडक्ट कंपनी से ग्राहक तक नेटवर्क सिस्टम के द्वारा पहुँचता है और यह नेटवर्क वो लोग मिल कर बनाते है जो कंपनी के प्रोडक्ट को खरीदते है , उन्हें इस्तेमाल करते है और उनका प्रचार करते है या अपने दोस्तों से रिस्तेदारो को Refer करते वह काम कोई नहीं है। दरअसल यह काम जाने अनजाने में कई सालो से हम करते आ रहे है ,जैसे की आपने किसी को कपडे की दुकान के बारे में बताया होगा। रेस्टोरेंट के बारे में बताया होगा की खाना अच्छा है लोग गए भी होंगे खाना भी खाया होगा जमकर तरीफ भी की होगी।
यह देखा गया की 90% से ज्यादा बार आपके मित्र आपकी बात मानकर कुछ न कुछ जरूर ख़रीदे होंगे और खाना खाने भी गए होंगे। लेकिन सलाह देने पर आपको पुरानी मार्किट के अनुसार एक रुपया नहीं मिलता होगा लेकिन जैसे ही आप इस मार्किट के माध्यम से रेफेर वाला काम किये वैसे आप को पैसे मिलने सुरु होने लगते है इस सिस्टम की ख़ास बात यह है। आपको न सिर्फ आपके द्वारा किये हुए वर्क पैर पैसे मिलते है बल्कि जिन लोगो को आपने अपने नेटवर्क सिस्टम का हिस्सा बनाया है उनके द्वारा की गयी सेल्स पर भी आपको पैसे मिलते है जितने भी लोग इस सिस्टम से प्रोडक्ट खरीदते है वे एक नेटवर्क का हिस्सा होते और सभी लोग मिल कर एक टीम में काम करते है। इस सिस्टम में बिज़नेस करने के लिए लोग एक दूसरे की हेल्प करते है और सबसे खास बात यह है की इसमें सभी लोग मिल कर पैसे कमाते है।
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